कृष्ण भजन
रचयिता: राहुल प्रजापति,
मथुरा
तुम कण-२ में रहते हो-२, हो मोहन, हे कान्हा
हे मोहन हे कान्हा , मनमोहन , नन्दलाला
१) तुमने रचा संसार प्रभू,तुमने तो सबको बनाया है
तुम हो दु्निया के मालिक,तुम हो दु्निया के दाता
हम सब तेरे सेवक है ,हे मोहन हे कान्हा
२) तुम बागों और बागियों में , तुम फ़ूलोंकी कलियों में
तुम हो देश विदेशों में,तुम गॉव की गलियों में
तुम से शोभित जग सारा, हे मोहन हे कान्हा
३) तुम से कई आशा मेरी ,तुम से लगन विश्वाश मेरा
हमको रखलो चरणों में ,पर दुनियां में बड़ा ना़म तेरा
राहुल ने यही गाया है,हेमोहन हे कान्हा