फ्रेंडशिप डे (मित्रता दिवस)
रचयिता: दिवाकर अजीत, कानपुर, उत्तर प्रदेश
तप्त हृदय को , सरस स्नेह से ,
जो सहला दे , मित्र वही है ।
रूखे मन को , सराबोर कर,
जो नहला दे , मित्र वही है ।
प्रिय वियोग ,संतप्त चित्त को ,
जो बहला दे , मित्र वही है ।
अश्रु बूँद की , एक झलक से ,
जो दहला दे , मित्र वही है ।