कविताकाव्य

स्वतन्त्रता की बातें – कविदीप दिलीप

रचयिता: कविदीप दिलीप, गाजीपुर, उत्तर प्रदेश 

क्या थे आजाद गांधी सुभाष,
क्या रामप्रसाद क्या राजगुरु।
अशफाक भगत क्या लाजपत,
कौन कहां कब क्यों थे शुरू।

अंग्रेजों ने क्या क्या लूटा है,
किसे पड़ी है जो बहस करे।
अब कौन भला मंगल सा है,
जो देश हित में निकष धरे।

कितनी अस्मत बिखरी हैं,
रक्तिम कौन सी घाटी है।
कितनी उजड़ी गोद कलाई,
वीरों की क्या परिपाटी है।

इससे किसी को क्या मतलब है,
अब तो हैं सुखद स्वप्न की रातें।
कविदीप मिले कुर्सी और कमाई,
हम क्यों करें स्वतंत्रता की बातें।

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