वासना – प्रिंशु लोकेश
कहानीकार: प्रिंशु लोकेश, रीवा, मध्य प्रदेश तीसरी दर्जे़ में पढ़ रहा बच्चा वासना के गिरफ़्त में कब आ जाता है
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Read Moreलेखक : अरुण आनंद, वाराणसी एक बहस जो अक्सर सुनने को मिलती है वो ये की ‘एक बहुत पढ़ा लिखा
Read Moreलेखक: अरविन्द कुमार, समकालीन अंग्रेजी लेख़क कला में कदम रख सपनों को कैनवास पर उतारने का यदि शौक रखते हैं
Read Moreलेख: हरी राम यादव गुरु शब्द अपने आप में एक विशालता समेटे हुए है। गुरु शब्द का उच्चारण होते ही
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Read Moreकवि : अदम गोंडवी, गोंडा, उत्तर प्रदेश जो डलहौज़ी न कर पाया वो ये हुक्काम कर देंगेकमीशन दो तो हिंदुस्तान
Read Moreलेख़क: प्रिंशु लोकेश, रीवा, मध्य प्रदेश निदा फ़ाज़ली साहब हिंदी उर्दू के दो आब कहे जाने वाले शायरों में से
Read Moreकवयित्री : सुभद्राकुमारी चौहान, प्रयागराज (इलाहाबाद), उत्तर प्रदेश सिंहासन हिल उठे, राजवंशों ने भृकुटी तानी थी,बूढ़े भारत में भी आई
Read Moreलेखक: विजय गर्ग, मलोट जैसे-जैसे डिजिटल परिवर्तन में तेजी आ रही है, व्यवसायों को सीखने के लिए कौशल-आधारित दृष्टिकोण अपनाना
Read Moreलेखक: शत्रुघ्न जेसवानी, बिलासपुर सिंध से बिछड़े हिन्दू सिंधीयों को 77 वर्ष हो गए, जो पीढ़ियां बटवारे के बाद भारत
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